kanchan singla

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ओ मोरे बनवारी

ओ मोरे बनवारी 
मैने चैन वैन सब खोया रे तोसे नैना मिलाइके
ना रही सुध बुध मोहे तोसे नैना मिलाइके
अब कोई ना भाए मोहे तोसे नैना मिलाइके
बंसी की धुन भायी मोहे तोसे नैना मिलाईके
माखन मिश्री लगी बड़ी स्वाद तोसे नैना मिलाइके
मैं भागी फिरूं गाइयों के पीछे तोसे नैना मिलाइके
मोर पंख ढूंढती फिरूँ तोसे नैना मिलाइके
दिन रात का ना है होश मोहे तोसे नैना मिलाइके ।।

# कॉपीराइट_लेखिका - कंचन सिंगला©®
#कान्हा#जय श्री राधे कृष्णा 
लेखनी कविता -12-Jul-2022

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4 Comments

Chudhary

14-Jul-2022 10:28 PM

Nice

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shweta soni

12-Jul-2022 08:09 PM

Nice 👍

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Gunjan Kamal

12-Jul-2022 02:44 PM

बेहतरीन प्रस्तुति

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